The Basic Principles Of shiv chalisa lyricsl
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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ आप जलंधर असुर संहारा ।
अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ shiv chalisa lyricsl जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।
माता-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक more info पार न पाय॥
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र